भारत के कूटनीतिक कौशल के मास्टर स्ट्रोक के चलते दिल्ली घोषणा पत्र पर रूस,अमेरिका,चीन सहित शत प्रतिशत देशों में सहमति बनी
भारत ने G 20 सम्मेलन कराकर अपने सामर्थ्य व पौरुष का परिचय पूरे विश्व को दिया। भारत ने कोणार्क सूर्य मंदिर के चक्र, नालंदा विश्वविद्यालय की प्रतिकृति के साथ ही तमाम भारतीय संस्कृति के प्रति रूपों का प्रदर्शन इस दौरान किया।इसके बारे में विदेशी राष्ट्र अध्यक्ष भी जानकारी लेते दिखे। साथ ही भारत के प्राचीन गौरव से भी परिचित हुए।दूसरी तरफ भारत के कूटनीतिक कौशल के मास्टर स्ट्रोक के चलते दिल्ली घोषणा पत्र पर रूस,अमेरिका,चीन सहित शत प्रतिशत देशों ने सहमति व्यक्त की। चीन की विस्तारवादी नीति पर उसको घेरा गया। देशों की एकता अखंडता व संप्रभुता का सम्मान की बात कही गई। भारत की पहली एप्लीकेशन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ समूह का नया स्थाई सदस्य बन गया अफ्रीकी संकेत अजाली अस्सुमानी को जब स्थाई सदस्यता के लिए आमंत्रित किया गया तो उन्होंने मोदी को गले लगाकर बधाई दी। भारत में g20 सम्मेलन में इतिहास रचते हुए यूक्रेन युद्ध,जलवायु परिवर्तन,लैंगिक समानता, आर्थिक चुनौतियां,हरित विकास,आतंकवाद सहित तमाम मुद्दे नई दिल्ली घोषणा पत्र में शामिल किए गए। साथ ही भारत ने सफलतापूर्वक सम्मेलन से विश्व समुदाय को नया संदेश दिया है। अब भारत की अनदेखी करना मुश्किल होगा।
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने विश्व समुदाय के दिल में बनाई जगह
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने लगातार देशहित के लिए काम किया। कोरोना के कठिन कालखंड में अपने देश के लोगों के साथ दूसरे देशों के लोगों के भी प्राण बचाए और मदद की। तुर्कीये में भूकंप से तबाही ने भारत ने आपदा राहत के साथ वहां के लोगों की जान बचाने के लिए टीमें भेजी। जिसका असर दोनों देशों रिश्तो में जमीन पर दिखाई दे रहा है शिखर सम्मेलन में तुर्कीये के राष्ट्रपति येरदोगान भी शामिल हुए। सम्मेलन के समय ही मोरक्को में भूकंप से तबाही की खबर आते ही पीएम मोदी ने मदद की घोषणा की। अमेरिका,फ्रांस,जर्मनी,आस्ट्रेलिया सहित पूर्व विश्व में भारत व मोदी के प्रति आस्था बढी है। जिसको देश के लिए एक शुभ संकेत माना जाना चाहिए।
—–गीतेश अग्निहोत्री, पत्रकार