समसामायिक———–
एक दिन में प्रदेश में तीन जगहों पर छापों में एक दरोगा,दो लेखपाल व एक राजस्व निरीक्षक घूस लेते रंगे हाथ धरे गए
प्रदेश में योगी सरकार अपराध व भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। प्रदेश सरकार की यह नीति काबिले तारीफ है। जिसके चलते भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी कर्मी पकड़े जा रहे है। हालाकि प्रदेश की तहसीलो व थानों में और सुधार की और गुंजाइश है। जिससे आम लोगों के काम सुचारू ढंग से हो सके। सुधार की काफी समय से मांग आम लोग उठा रहे हैं। लेकिन उनकी आवाज ऊपर तक नहीं पहुंच पा रही है। बड़ी संख्या में आम लोगों का काम तहसीलों व थानों से ही पड़ता है।
किस तरह से भ्रष्टाचार का कीड़ा तहसीलों व थानों में लगा है। इसकी छोटी सी बानगी 11अगस्त 2023 को विभिन्न जगहों पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की टीम ने छापेमारी कर कानपुर की नरवाल तहसील में रंगे हाथ दस हजार रुपए की घूस लेते हुए एक राजस्व निरीक्षक व एक लेखपाल को पकड़ा है। इसी तरह सहारनपुर के नकुड सीओ के यहां तैनात दरोगा को पचास हजार की घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोचा। तीसरी कार्यवाई में गोण्डा में लेखपाल को किसान से घूस लेते पकड़ा गया। तीनों जगहों पर घूस लेते पकड़े गए लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। यह घूंसखोरी में एक दिन की कुछ जगहों पर हुई कार्रवाई के परिणाम है। इससे राजस्व व पुलिस महकमें कार्यशैली में सुधार की गुंजाइश नजर आती है। जिससे सरकार आम लोगों में अपनी छवि और सार्थक बना सकती है। अगर एक साथ कई थानों व तहसीलों में एक साथ छापेमारी की जाए। तो और घूसखोर सामने होगे। छोटे कर्मचारी व अधिकारी बिना किसी बड़े के हाथ सिर पर रखे। वसूली में नही लगे होंगे। इसलिए सरकार को बड़े अधिकारियों को इस ओर भी कड़ाई करने के निर्देश देने चाहिए। और समय समय पर मंत्रियों,बड़े अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण व छापेमारी की कार्रवाई की जानी चाहिए। जिससे आम लोगों को कार्य कराने में सुगमता के साथ सत्यनिष्ठा के साथ काम करने को बल मिल सके। और आम लोगों की नजर में सरकार का कामकाज उच्चकोटि का लगे। हालाकि उत्तरप्रदेश जैसे बड़े प्रदेश में कोई कार्य करने के पूर्व तैयारी जरूरी भी है। वर्तमान सरकार की कार्यशैली को देखकर कोई कार्य असंभव नजर नही आता है। पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह को इसी शैली के लिए आज तक लोग याद करते हैं।
लेखक -गीतेश अग्निहोत्री (पत्रकार)