कानपुर,06 जुलाई 2023। शिवराजपुर का खेरेश्वर शिवमंदिर
बेहद प्राचीन माना जाता है। छतरपुर गांव स्थित खेरेश्वर महादेव मंदिर का जुड़ाव द्वापर युग से भी माना जाता है। महाभारत काल में कौरव पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य ने स्वयं खेरेश्वर महादेव की तपस्या की थी। अब मान्यता है अश्वत्थामा सबसे पहले प्रतिदिन यहां आकर भगवान भूतभावन शंकर की पूजा करते हैं।
खेरेश्वर मंदिर शिवराजपुर कस्बे से 2 किलोमीटर उत्तर की तरफ स्थित है। सावन के पूरे माह यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन-पूजन करने आते हैं। मंदिर के पुजारी कमलेश गिरी ने बताया कि यह मंदिर बहुत पुराना है। खेरेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वंभू है। आस्था व। मान्यता है कि यहां पर आज भी अश्वत्थामा पूजा करने के लिए आते हैं।
गौरव त्रिवेदी/आशुतोष द्विवेदी की सुनाद न्यूज के लिए रिपोर्ट