कानपुर,शुक्रवार(03 मार्च 2023)। शुक्रवार को विधानसभा में लगेगी अदालत, कटघरे में पुलिसकर्मी होगे। मामला करीब 20 साल पुराना है। वर्ष 2004 में बिजली दरों के विरोध में पुलिस ने लाठी चार्ज कर बेहरहमी से तत्कालीन विधायक सलिल विश्नोई के साथ मारपीट की थी। और उनकी टांग टूट गई। विशेषाधिकार हनन के मामले में पुलिस कर्मियों को दोषी पाया था। तब से अभी तक पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई नही हो पाई थी। इस मामले के गुरुवार को विधान सभा में प्रस्ताव पारित किया गया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने शून्य प्रहर में विशेषधिकार समिति के प्रस्ताव को रखा।
विधान सभा में होगी सुनवाई
विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के मामले में 6 पुलिसकर्मी कटघरे में खड़े होंगे, सदन करेगा सुनवाई।2004 के एक मामले में होगी सुनवाई, विधानसभा सदन में लगाया गया कटघरा।सुनवाई में अगर इन पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई गई तो वहीं से जेल भेजा जा सकता है
यह हैं आरोपी पुलिस कर्मी
तत्कालीन क्षेत्राधिकारी अब्दुल समद, तत्कालीन थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, तत्कालीन उपनिरीक्षक त्रिलोकी सिंह, तत्कालीन कांस्टेबल छोटेलाल यादव, विनोद मिश्र और मेहरबान सिंह को कारावास की सजा पर होगी सुनवाई
वर्तमान विधान सभाध्यक्ष उस समय बैठे थे धरने पर
2004 की सपा सरकार में बिजली कटौती के मामले को लेकर सतीश महाना (वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष) कानपुर में धरने पर बैठे थे।उस समय पार्टी के तमाम विधायक व नेता उनके समर्थन में जा रहे थे।तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया था।इसमे विधानसभा सदस्य रहे सलिल विश्नोई की टांग टूटी थी और वो महीनों बेड पर रहे।
डेढ़ वर्ष तक चली थी जांच
25 अक्टूबर 2004 को विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना की सूचना दी थी।सदन में करीब डेढ़ साल सुनवाई हुई जिसके बाद इन पुलिसकर्मियों को सर्वसम्मति से दोषी पाया गया था।लेकिन आज तक सजा नही हुई थी।
गीतेश अग्निहोत्री/सुनाद न्यूज