सुनाद न्यूज
12 जनवरी 2023
कानपुर देहात – स्वामी विवेकानंद जी की 160 वीं जयंती के अवसर पर मानव सेवा संगठन की ओर से इंदिरा गांधी मनोरंजन वन चेतना केंद्र औनाहां में स्वामी जी के चित्र को पुष्प अर्पित कर याद किया गया।
मानव सेवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष त्रिवेदी ने नवयुवकों व पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ भी करने से पहले हमको एकाग्र चित्त होना जरूरी है आज एक स्वामी जी के जीवन की ऐसी ही घटना आप सभी के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं , स्वामी जी दक्षिणेश्वर मंदिर में ठाकुर जी के पास जाकर ध्यान किया करते थे एकदम उनके साथ ठाकुर जी के एक और शिष्य गिरीश भी स्वामी जी के साथ ध्यान मुद्रा में बैठ गए और वो अपना सारा मन एकाग्र चित्त करके ध्यान में लगा रहे थे , तभी उन्हें चुभन का एहसास हुआ, जो कि उन्हें मच्छर काट रहे थे ,काफी देर सहन करने के पश्चात उनके मन में एकाएक प्रश्न चलने लगे कि क्या विवेकानंद जी भी बैठे भी होंगे, क्या उन्हें भी मच्छर काट रहे होंगे, या वह मच्छर भगाने के लिए कोई प्रयास कर रहे हैं, या फिर वह यहां से उठकर कहीं बाहर चले गए हैं और शायद मैं जब जाऊं तब मेरा मजाक उड़ायें , यह सब सोचते हुए जब उनसे रहा नहीं गया और उनका धैर्य टूट ही गया तब उन्होंने अपनी आंखें खोल दीं और आंखें खोलने के बाद उन्होंने जो देखा उससे उनका अहंकार टूट ही गया , उन्होंने धूमि की प्रज्वलित अग्नि में देखा कि स्वामी जी के शरीर से हजारों मच्छरों का झुंड चिपका हुआ है, और वो बिना किसी टस से मस किये एकाग्रचित्त होकर ध्यान मुद्रा में लीन हैं , कोई किसी खोज का प्यासा ही इतनी तल्लीनता से केंद्रित हो सकता है और स्वामी जी सत्य खोज के लालयित थे।
इस मौके पर मानव सेवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष त्रिवेदी, व पूर्व ग्राम प्रधान वीरेंद्र तिवारी,जिला विस्तारक गोपाल वाजपेई , जिला महासचिव राघव द्विवेदी, वरिष्ठ कार्यकर्ता आनंद शुक्ला, अरविंद मिश्रा,शोभित शुक्ला,निहाल अवस्थी, राहुल अवस्थी सहित सभी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेजकर वन चेतना केंद्र का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद चिंतन केंद्र रखे जाने व उनकी भव्य एवं विशाल प्रतिमा का अनावरण किये जाने व बच्चों के पाठ्यक्रम में स्वामी जी की जीवनी व उनके सुविचारों को सम्मिलित करने की फरियाद की।